उत्तराखंड देहरादून: जिलाधिकारी सी रविशंकर ने प0 दीनदयाल राजकीय संयुक्त चिकित्सालय का निरीक्षण किया तथा अस्पताल में भर्ती मरीजों से खानपान और दिये जा रहे उपचार की भीजानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में विभिन्न अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा चिकित्सालयमें अपने अधीनस्थ चिकित्सा यूनिट का निरीक्षण न किये जाने के साथ ही पीपीपी मोडपर हस्तांतरित फोर्टिज और नैफ्रो ब्रांचेज के एमओयू के दरों की जानकारी न दे पाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि अस्पताल के विभिन्न वार्डों, शौचालयों में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नही है। जिलाधिकारी द्वारा भारतीय जन औषधि केन्द्र की पंजिका का अवलोकन करने पर जैनरिक दवा की ब्रिकी कम होने का कारण भी पूछा। उन्होंने जैनेरिक दवा पंजिका में काट-छांट होनेपर भी नाराजगी जाहिर की। जिलाधिकारी ने अस्पताल में वार्डों तथा शौचालयों एवंचिकित्सालय परिसर के बाहर हो रही पानी की लिकेज को तत्काल ठीक कराने, अनियमित पार्किंग, डिस्प्ले बोर्ड, परिसर में अस्त-व्यस्त पड़े सामान, दवा तथा इलाज की रेटलिस्ट को व्यवस्थित और अपडेट करने के निर्देश दिये। आयुष्मान योजना, बीपीएल, दिव्यांगजन इत्यादि के उपचार से सम्बन्धित छूट स्पष्ट रूप से डिस्प्ले बोर्ड पर अंकित करनेके भी निर्देश दिये। उन्होंने अर्लीडिस्एबिलिटी वार्ड (डिस्एक्टिड बच्चों) में व मनोरंजन के लिए रखी वस्तुओं पर जमी धूलदेखकर फटकार लगाते हुए कहा कि वार्ड को केवल दिखावट के लिए न रखा जाये बल्किउसका सदुपयोग भी करवायें। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देश दियेकि निरीक्षण के दौरान सामने आयी कमियों पर तत्काल सुधारात्मक कार्यवाही करते हुएतथा अधीनस्थ युनिट्स का निरीक्षण कर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने चिकित्सालयके सभी तरह के रिकार्ड को अपडेट रखने, जो दवा चिकित्सालय में उपलब्ध नही है,उसकी स्पष्ट सूचना डिस्प्ले बोर्ड पर अपडेट रखने में दिये गये निर्देशों का अनिवार्यरूप से पालने करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने भविष्य में लापरवाही सामने आनेपर सख्त कार्यवाही की चेतावनी अस्पताल प्रबन्धन को दी।
निरीक्षण के उपरान्त जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प0 दीनदयाल चिकित्सालय (कोरनेशन) तथा गांधी शताब्दी चिकित्सालय केन्द्र कीप्रबन्धन समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने चिकित्सालय की मेडिकल ऑडिट करवाते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश सम्बन्धित चिकित्सालय प्रबन्धन को दिये। उन्होंने मेडिकल ऑडिट में चिकित्सालय के पास मौजूद सभी तरह के संसाधनों का जिक्र करते हुए और जरूरी संशाधनों को पूरा करने का भी स्पष्ट विवरण दर्शानें को कहा। अस्पताल परिसर में रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग कार्य को जल संस्थान के माध्यम से 3 दिन के भीतर तकनीकी जांच कराने तथा जांच में सही पाये जाने पर यथावत स्वीकृत माने जाने की बात कही। जिलाधिकारी ने अस्पताल को विभिन्न मदों में प्राप्त होने वाले बजट यथा शासन द्वारा प्राप्त अनुदान, यूजर्स चार्जेस से प्राप्त धनराशि, एम.एस.बी.वाई से प्राप्त धनराशि आयुष्मान भारत योजना से प्राप्त धनराशि एवं एन.एच.एम के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि के व्यय विवरण की भी समीक्षा की।
निरीक्षण तथा बैठक में सदस्य प्रबन्धन समिति मुख्य कोषाधिकारी नरेन्द्र सिंह, डाॅ के.के सिंह सहित अस्पताल की विभिन्न यूनिटों के चिकित्सक उपस्थित रहे।
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