48वां आईएचजीएफ-दिल्ली मेला ऑटम 2019 समाप्त, 3750 करोड़ रुपये की बिजनेस पूछताछ हुई

उत्तर प्रदेश ग्रेटर नोएडा- 20 अक्टूबर 2019- पांच दिनों से ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट में चल रहा 48वां आईएचजीएफ-दिल्ली मेला ऑटम 2019 बड़े पैमाने पर हस्तशिल्प निर्यात एवं भारत के शिल्प क्लस्टर्स को प्रचार देने के अपने महत्वपूर्ण योगदान के साथ आज समाप्त हो गया.


मेले के इस संस्करण का टैगलाइन था रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकल- कबाड़ में जान फूंकने की पहल.



ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने कहा कि मेले में विभिन्न इन्स्टॉलेशन कबाड़ के इस्तेमाल से बनाई गई थीं जैसे कि मुरादाबाद से मेटल, जोधपुर से लकड़ी, फिरोजाबाद से शीशा, पानीपत व जयपुर से हैंडलूम और खुर्जा से सिरामिक. इसके अलावा ऑटोमोबाइल एवं प्लास्टिक की रद्दी चीजें मायापुरी तथा बहादुरगंज और दिल्ली से जोखिम रहित ई-कचरे भी इस्तेमाल किए गए. इनके अलावा, परिषद ने मेले में आने वाले आगंतुकों और प्रदर्शकों को पानी की प्लास्टिक की बोतलों की जगह धातु से बनी बोलतों की पेशकश की.


विभिन्न देशों के खरीदारों ने लंबे समय तक टिके रहने वाले पहल की दिशा में प्रयास करने के लिए ईपीसीएच की सराहना की और यह भी कहा कि आईएचजीएफ-दिल्ली मेला वर्ष दर वर्ष बड़ा होता जा रहा है और यह न केवल नए उत्पादों को लाने की प्रक्रिया में लगा है बल्कि नई नई पहल भी कर रहा है.


ईपीसीएच के अध्यक्ष श्री रवि के पासी ने कहा कि इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट के 1,97,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में पांच दिनों के दौरान देशभर से आए हस्तशिल्पों के 3200 से अधिक हस्तशिल्प के प्रदर्शकों ने होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर एवं टेक्सटाइल्स जैसी 14 उत्पाद श्रेणियों में चुनिंदा 2000 से अधिक उत्पादों और 300 से अधिक ट्रेंड पर आधारित डिजाइनों के प्रदर्शन की भरपूर गतिविधियां चलीं.


इस पांच दिवसीय भव्य आयोजन के अन्य मुख्य आकर्षणों में नॉजेल सेमिनार, फैशन शो, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, नरसापुर और माणा गांव के थीम पवेलियन थे. भारत चीन की सीमा पर स्थित माणा गांव इस मेले में पहली बार शामिल हुआ.


केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्पों पर खास ध्यान दिया है और मेले में जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्पों पर एक थीम पवेलियन भी स्थापित की गई थी.


मेले में 'बेस्ट डिजाइन ऐंड डिस्प्ले स्टैंड' के लिए प्रदर्शकों को अजय शंकर और पीएन सूरी मेमोरियल अवार्ड भी दिए गए.


मेले में 110 देशों से पहुंचे विदेशी खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों की संख्या भी बीते वर्ष के 6596 की तुलना में बढ़ कर 7312 हो गई, जिसमें 2000 घरेलू खरीदार भी शामिल हैं. पांच दिवसीय मेले के दौरान 3750 करोड़ रुपये की बिजनेस पूछताछ में भी बीते वर्ष की तुलना में इजाफा देखा गया.


ईपीसीएच के अध्यक्ष श्री रवि के पासी ने कहा कि सबसे अधिक खरीदार अमरीका (973), जर्मनी (315), ब्रिटेन (337), ऑस्ट्रेलिया (345), फ्रांस (297), जापान (208), चीन (174) और रूस (31) से पहुंचे. इस वर्ष लीबिया, मेडागास्कर और मॉल्डोवा जैसे देशों से नए खरीदार भी आए.



कई गणमान्य व्यक्तियों जैसे माननीय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय वित्त व कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, उत्तर प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम; खादी एवं ग्रामोद्योग; कपड़ा और निर्यात संवर्धन राज्य मंत्री चौधरी उदय भान सिंह, पूर्व कपड़ा राज्य मंत्री श्री अजय टमटा, केंद्रीय कपड़ा सचिव श्री रवि कपूर, कपड़ा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी व वित्त सलाहकार आईएएस श्री विजोय कुमार सिंह, हस्तशिल्प विकास आयुक्त आईएएस श्री शांतमणु, तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी मुरादाबाद के चांसलर श्री सुरेश जैन और कई अन्य सरकारी अधिकारियों ने इन पांच दिनों के दौरान मेले का दौरा किया.


मेले के आगंतुकों में पूरी दुनिया से पहुंचे विदेशी खरीदार, थोक खरीदार, डिस्ट्रीब्यूटर, चेन स्टोर्स, डिपार्टमेंट स्टोर्स, रिटेलर्स, मेल ऑर्डर कंपनियां, ब्रांड के मालिक, खरीद घराने, डिजाइनर्स और ट्रेंड का पूर्वानुमान लगाने वाले शामिल रहे.


जिन प्रदर्शकों ने शो के दौरान खुदरा बिक्री (रिटेल सेल) का विकल्प चुना था, उन्होंने कहा कि ईपीसीएच ने आईएचजीएफ-दिल्ली मेले में ई-कॉमर्स तथा ऑनलाइन कंपनियों को बुलाने की अच्छी पहल की है, इसके अच्छे परिणाम दिख रहे हैं. मुरादाबाद के जेड संन्स कंपनी के प्रदर्शक श्री नवेद उर रहमान ने कहा कि इस वर्ग के अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों के खरीदार सीधे अपने ई-पोर्टल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए उत्पादों को बेचने का ऑर्डर दे रहे हैं.


ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने कहा कि 48वें आईएचजीएफ-दिल्ली मेला ऑटम 2019 में खरीदारों की इतनी बड़ी संख्या पहुंची इसकी वजह ये है कि ईपीसीएच ने दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं, ऑनलाइन पोर्टलों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मेलों में आउटडोर मीडिया व रोड शो जैसे विज्ञापन माध्यमों के जरिए बड़े पैमाने पर इस मेले के लिए प्रचार-प्रसार का अभियान चलाया था.


ईपीसीएच के डीजी श्री कुमार ने बताया कि वर्ष 2018-19 के दौरान हस्तशिल्पों का निर्यात 26,590.25 करोड़ रुपये था. हालांकि, 2019-20 के पहले छह महीनों के दौरान हस्तशिल्पों का निर्यात 12,543.07 करोड़ रुपये रहा है और इसमें बीते वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.11% की वृद्धि देखने को मिली है.  


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