Dehradun - आपदा बिन बुलाये मेहमान की तरह होती है और जो कभी भी आ सकती है। आपदाओं की घटनाओं को योजनाबद्ध तरीके से निस्तारित किये जाने के लिए आज यहां जिलाधिकारी कार्यालय सभागार में आईआरएस (घटना प्रतिक्रिया प्रणाली ) की बैठक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर आईआरएस के समन्वयक बीबी गणनायक ने अवगत कराया कि इस प्रणाली के क्रियान्वयन में 39 अधिकारियों को विभिन्न यूनिटों का प्रभारी बनाया गया है, जिनके द्वारा घटना की त्वरित समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा उत्तराखण्ड में विगत 3 वर्षों से आईआरएस के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है, जिसके सार्थक परिणाम भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्थायें की गयी है, जिसके लिए अधिकारियों को दायित्व सौंपे गये है। बैठक में बताया गया कि आपदा के विभिन्न पहलुओं के क्रियान्वयन के लिए आपदा एक्ट की तहत् 51 से 60 तक की विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत प्राविधान किये गये है। उन्होनें बताया कि आपदा की घटना घटित हो जाने पर उसका समय पर गुणवत्ता सेवा उपलब्ध कराना आईआरएस का प्रमुख कार्य है। उन्होंने उड़ीसा, भुज व केदारनाथ की घटनाओं का जिक्र करते हुए अधिकारियों को मुस्तैदी के साथ योजना बनाकर कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान बचाव एवं राहत हेतु विभिन्न प्रकार के 10 फार्म भी भरे जायेंगे, जिनके द्वारा घटना घटित होने पर कम से कम समय में राहत एवं बचाव कार्य चलाये जाने में मदद मिल सकेगी। आईआरएस में गठित विभिन्न टीमों के कार्यदायित्व दृश्य एवं श्रब्य के माध्यम से प्रदर्शित किये गये।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वि/रा बीर सिंह बुदियाल, सम्भागीय परिवहन अधिकारी अरविन्द पाण्डेय, उप जिलाधिकारी सदर कमलेश मेहता, एसपी यातायात प्रकाश चन्द्र, एस.पी ग्रामीण प्रमेन्द्र डोभाल, फोयर अधिकारी संदीप राणा पुलिस क्षेत्राधिकारी जया बलूनी, आपदा प्रबन्धन अधिकारी दीपशिक्षा रावत समेत आईआरएस से जुड़े विभिन्न विभागों अधिकारी उपस्थित थे।