NDA का अंडरकरंट, 2014 से ज्यादा सीटें आएंगी: राजनाथ सिंह


तमाम एग्जिट पोल में एनडीए की वापसी की संभावनाओं के बीच केंद्रीय मंत्री को 2014 से ज्यादा बड़ी जीत का भरोसा है। उनका दावा है कि पिछले आम चुनाव की तुलना में बीजेपी की विश्वसनीयता बढ़ी है। देश में एनडीए को लेकर अंडरकरंट है। उन्होंने चुनाव परिणाम की संभावनाओं, मुद्दों और प्रज्ञा ठाकुर जैसे अहम मसलों पर अखिलेश सिंह और भारती जैन से खास बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:


 

सवाल: आप विकास को प्रमुख मुद्दा मानते हैं, लेकिन चुनाव में राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और धर्म जैसे भावनात्मक मुद्दे हावी रहे।
जवाब:
 यहां सबसे बड़ा फैक्टर सरकार की विश्वसनीयता है। 2014 की तुलना में बीजेपी की विश्वसनीयता में इजाफा हुआ है। 2004 और 2019 दो ऐसे चुनाव हैं, जिनमें महंगाई और भ्रष्टाचार मुद्दा नहीं बने। जाहिर है कि बीजेपी अर्थव्यवस्था को बेहतर चला सकती है।सवाल: आप जाति आधारित दलों के गठबंधन की हार को लेकर आश्वस्त हैं। क्या आपके हिसाब से जाति आधारित राजनीति का अंत होने वाला है?
जवाब:
 मुझे पूरा भरोसा है कि अब ट्रेंड बदल रहा है। जनता मुद्दों पर वोट करती है।

सवाल: प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाथूराम गोडसे पर दिए बयान की पीएम ने भी निंदा की। हालांकि विपक्ष का सवाल है कि अगर बीजेपी गंभीर है तो प्रज्ञा को बाहर का रास्ता क्यों नहीं दिखाती?
जवाब:
 पार्टी नेतृत्व ने प्रज्ञा के बयान को पूरी गंभीरता से लिया था। उनसे तुरंत नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। पार्टी ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया। प्रज्ञा ने अपने कहे पर माफी भी मांगी है।

सवाल: लेकिन इससे सवाल खड़ा होता है कि क्या पार्टी को प्रज्ञा जैसे उम्मीदवार चुनते समय सतर्क नहीं होना चाहिए/
जवाब:
 किसी की उम्मीदवारी केंद्रीय चुनाव समिति तय करती है। इसके लिए कोई एक शख्स जिम्मेदार नहीं है।

सवाल: बीजेपी ने प्रज्ञा की उम्मीदवारी का यह कहकर बचाव किया कि यह कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के दिए भगवा आतंक या हिंदू आतंकवाद शब्द के खिलाफ सत्याग्रह है।
जवाब:
 हिंदू आतंकवाद जैसे काल्पनिक शब्द गढ़कर कांग्रेस ने बहुत बड़ी गलती की। आतंक का कोई धर्म नहीं होता। कांग्रेस ने जो किया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। कई तथ्य इस ओर इशारा करते हैं कि मालेगांव ब्लास्ट केस में सबूतों से छेड़छाड़ हुई।