बेंगलुरु
मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं। इसी मुद्दे को लेकर वह पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा से मिलने पहुंचे। खास बात यह रही कि दोनों की यह मुलाकात देर रात हुई।
चंद्रबाबू नायडू और देवगौड़ा के बीच यह बातचीत लगभग एक घंटे तक चली। नायडू ने कहा कि 23 पार्टियां इस मुद्दे को उठा रही हैं। पार्टियां पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रही हैं। नायडू ने आरोप लगाया कि पहले भारतीय जनता पार्टी तक ईवीएम का विरोध कर रही थी।उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में हमने ईवीएम को होटलों एवं घरों में देखा है स्ट्रॉन्ग रूम बदले जा रहे हैं।' विपक्ष द्वारा उठाए गए ईवीएम के मसले पर प्रधानमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री क्यों विरोध कर रहे हैं? ईवीएम और वीवीपैट हैं। आपने 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं... आप पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं दिखा रहे हैं? इसका मतलब आप बदमाशी कर रहे हैं। आप ईवीएम से छेड़छाड़ कर रहे हैं।'
देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने भी 2006 में ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने कहा कि इन जटिलताओं से बचने के लिए मत पत्रों को वापस लाना चाहिए। विपक्षी पार्टियां हमेशा से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही हैं। वे मतपर्ची और ईवीएम के मिलान की मांग कर रही हैं और इस बाबत उन्होंने नई दिल्ली में आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है।
कांग्रेस, डीएमके, टीडीपी और बीएसपी सहित 22 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंप कर वोटों की गिनती से पहले औचक तरीके से चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन कराने की मांग की है।